क्रिकेट। टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन का टीम से अंदर बाहर होना लगातार बना रहता है। 2015 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने वाले सैमसन ने 7 सालों में मात्र 23 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। इसे लेकर संजू सैमसन (Sanju Samson Interview) ने बयान देते हुए कहा – टीम में चुना जाना उनके बस में नहीं है। इसमें वह कुछ भी नहीं कर सकते हैं, बस सकारात्मक होकर अपने खेल पर ध्यान देते हैं। दरअसल, संजू सैमसन कम मौके दिए जाने को लेकर आहत थे। इन 7 सालों में कई खिलाड़ियों को टीम इंडिया में लगातार मौके दिए गए, वहीं संजू की एक नाकामी के बाद ही टीम से बहार कर दिया जाता है।
Sanju Samson Interview
संजू सैमसन ने टीम से अंदर-बाहर होने की अपनी परिस्थिति पर कहा – मेरा हमेशा से यही मानना है, की कैरियर में आप किसी भी परिस्थिति से क्यों ना गुजर रहे हों, हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए। हालांकि यह बेहद मुश्किल काम है, लेकिन आपके पास और कोई ऑप्शन भी नहीं होता। कभी-कभी आपके दिमाग में यह भी ख्याल आता है, की आपके दोस्तों को टीम में लगातार मौके दिए जा रहे हाँ, लेकिन आपको नहीं। यह बेहद हताश करने वाला समय होता है।
Sanju Samson Interview
हालांकि पिछले 3 दौरे से संजू सैमसन को टीम इंडिया में लगातार जगह मिल रही है। लेकिन इंग्लैंड दौरे पर उन्हें एक भी मुकाबला खेलने को नहीं मिला। ज़िम्बावे दौरे पर उन्हें पहले दो मुकाबले में टीम में बतौर विकेटकीपर जगह दी गई। लेकिन एशिया कप में उन्हें फिर से टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। IPL में राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी करने को लेकर सैमसन ने कहा – IPL ने क्रिकेट की तरफ मेरी मानसिकता को बदला है। पहले मैं सिर्फ बल्लेबाजी और अपने खेल के बारे में ही सोचता था। कप्तानी मिलने के बाद मेरी सोच बदल गई है।